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Friday, March 14, 2025

यादें

यादें...

कितनी अजीब होती हैं...

कभी कभी किसी के पास होते हुए भी उसकी कमी दर्शाती है,

और कभी, एक बूंद आंखों से झलका जाती है।


सैलाब सा आता है यादों का, अनुभूतियों के समंदर में...

पर कश्ति लम्हों की, समय के साथ आगे चलती रहती है।


यादें...

कभी गीतों में, कभी खुशबुओं में,

कभी पुस्तकों में तो कभी समझाइशों में

कभी लाड, प्यार और दुलार में...

तो कभी एक ख्याल में.


यादें...

कुछ लिखीं जाती है शब्दो में

या फिर, जी ली जाती है हर एक सांस में।

यादें...







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