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Sunday, March 30, 2025

कागज़ ने पूछा कलम से

कागज़ ने पूछा कलम से - 

कैसे मान लूं कि, 

ये तुम्हारे लिखे शब्द, सच्चे हैं?

              कलम ठहरी,

              सर उठाया, और कागज़ से कहा - 

              मैं रंगों की मोहताज नहीं;

              जब कभी कोई स्याही खारी लगे....

समझ लेना हर शब्द रूह से निकला हैं

भावनाओं से सींचा हैं।

💝✍️



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