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Monday, December 25, 2023

Just a simple line...

When one draws it, it is called as boundary, And sometimes a representation of a beginning; a start of some sort.

When crossed, it is a betrayal.
Segmented, adds new dimensions.

When held, it is firmity.

When doodled with, it is an expression - an art
When sent, conveys a message

The most simplest yet sophisticated,
Flexible, hence infinite - a line.

At times visible, at times ignored...

Poetry is what it is, when composed.

Just a simple line...




अभी दिल दुखाने की माफ़ी माँगनी बाकी है...

अभी दिल दुखाने की माफ़ी माँगनी बाकी है...
जो वादे किये थे साथ निभाने के, उससे मुकर जाने की गुस्ताखी अपनानी बाकी है।

सुना था "हर प्यार मिलन तो नहीं, बिछड़ना भी तो प्यार ही है"; जाना आज कि  - हम भी इस किस्से के भागी हैं

जब अपना ही आसमां अपना न लगे,
कैसे हम कोई दूसरे आशियाने की चाह रखें?

माना मुश्किल है डगर आगे...
अकेला सा अहसास होगा,
पर यकीन रखना जब तक है सांस...
जादू का तुम में वास होगा।

तुम्हारी माफ़ी के काबिल शायद अब हम नहीं...
इसलिए खुदा से एक वादा मांगा..
साया हो तेरे सर पर हमेशा - प्यार का, 
आंखों में सपनों की चमक,
दरिया हो दिल में - सूकुन का,
हर गुज़रते दिन में तू रहे 'लम्हो' की ताज़गी सा